पाकुड़, झारखंड में ड्रैगन फ्रूट की खेती: बंजर ज़मीन से मुनाफे की फसल तक

झारखंड के पाकुड़ ज़िले में ड्रैगन फ्रूट की खेती से बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाया जा रहा है। जानिए कैसे किसान और प्रशासन मिलकर एक नई शुरुआत कर रहे हैं।

पाकुड़, झारखंड में ड्रैगन फ्रूट की खेती: बंजर ज़मीन से मुनाफे की फसल तक
पाकुड़, झारखंड में ड्रैगन फ्रूट की खेती: बंजर ज़मीन से मुनाफे की फसल तक
पाकुड़, झारखंड में ड्रैगन फ्रूट की खेती: बंजर ज़मीन से मुनाफे की फसल तक

पाकुड़ ज़िले की पहल

पाकुड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती: बंजर ज़मीन से उम्मीद की फसल

क्या है ड्रैगन फ्रूट और इसकी खेती की ज़रूरत?

ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है जो अब भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है। यह फल शुष्क और बंजर ज़मीन पर उगता है और कम संसाधनों में अच्छा मुनाफा देता है।

स्कूल की ज़मीन पर खेती

सीकेडीएम हाई स्कूल, झिकरहट्टी में ड्रैगन फ्रूट की खेती की गई है। स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य दिलीप घोष और किसान मनरूल हक इस कार्य में शामिल हैं।

जिला उपायुक्त का सहयोग

पाकुड़ के जिला उपायुक्त मनीष कुमार ने इस पहल का निरीक्षण किया और इसे "मॉडल फार्म" घोषित किया।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लाभ

  • कम सिंचाई में बेहतर उत्पादन
  • उच्च बाजार मूल्य
  • स्वास्थ्यवर्धक फल
  • सरकारी योजनाओं से सहायता

खेती कैसे शुरू करें?

  1. खाली या बंजर ज़मीन की पहचान करें
  2. टपक सिंचाई की व्यवस्था करें
  3. कृषि विभाग से संपर्क कर पौधे प्राप्त करें
  4. MIDH जैसी योजनाओं से लाभ लें

वीडियो: पाकुड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर DC का निरीक्षण

झारखंड के पाकुड़ जिला उपायुक्त मनीष कुमार ने बंजर ज़मीन पर की जा रही ड्रैगन फ्रूट की खेती का स्थलीय निरीक्षण किया। यह पहल जिले के लिए एक आदर्श उदाहरण बन रही है।

 वीडियो देखें

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

ड्रैगन फ्रूट की खेती में कितना खर्च आता है?

लगभग ₹2–3 लाख प्रति एकड़, शुरुआत में।

कितनी कमाई हो सकती है?

एक एकड़ में ₹4–₹20 लाख तक की सालाना आमदनी संभव है।

क्या यह खेती झारखंड जैसे राज्य में संभव है?

हां, यह फसल कम पानी और गर्म मौसम में भी अच्छी तरह उगती है।

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